हमारी कहानी

हमारा उद्देश्य जैन धर्म के मूल सिद्धांतों – अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह, संयम और करुणा – को नई पीढ़ी तक पहुँचाना है। हमारे जैन विद्यालय में, हम आध्यात्मिक शिक्षा, नैतिक मूल्यों और आधुनिक शिक्षा का समन्वय करते हैं, जिससे छात्र न केवल विद्वान बनें, बल्कि एक सदाचारी जीवन जीने के लिए प्रेरित हों। यहाँ हर विद्यार्थी को आत्म-संयम, ध्यान और ज्ञान की साधना के माध्यम से आत्मविकास का अवसर मिलता है।

आचार्य श्री विद्यानंद जी महाराज

आचार्य विद्यानंद जी महाराज की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में, दिल्ली के नांगली पूना क्षेत्र में ‘विद्यानंद प्रज्ञा पीठ’ का निर्माण आचार्य प्रज्ञा सागर जी महाराज की प्रेरणा और आशीर्वाद से प्रारंभ हो रहा है। यह परियोजना जैन धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित होगी, जिसमें ध्यान, योग, प्रवचन केंद्र, संत निवास, शास्त्रालय, प्राकृत शिक्षा केंद्र, आहारशाला, और सात्विक रसोई जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।

विद्यानंद प्रज्ञा पीठ’ का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में सेवा प्रदान करना है, जहां जैन धर्म के अनुयायी और अन्य लोग ध्यान, योग, और अध्ययन के माध्यम से आत्मिक उन्नति कर सकें। इस परियोजना के माध्यम से, आचार्य विद्यानंद जी महाराज के शिक्षाओं और सिद्धांतों को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे समाज में नैतिकता, अहिंसा, और आध्यात्मिकता का प्रसार हो सके।

इस पहल से नांगली पूना और आसपास के क्षेत्रों में जैन समुदाय को एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र प्राप्त होगा, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा।

आचार्य विद्यानंद प्रज्ञपीठ

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